बड़ी खबर : फर्जी अंकसूची सहित अन्य दस्तावेजों से मजे से किया जा रहा नौकरी,क्यों नहीं होती कार्रवाई

बड़ी खबर : फर्जी अंकसूची सहित अन्य दस्तावेजों से मजे से किया जा रहा नौकरी,क्यों नहीं होती कार्रवाई

सरगुजा. एमसीबी जिले के सोनहत विकासखंड में शिक्षा विभाग में कई घोटाले है पर प्रशासन की आंख खुलकर भी कार्रवाई करने में हाथ पैर फूलने लगती हैं।दरअसल हमारे सूत्र बताते है एक प्रधानपाठिका शिक्षा विभाग की नजर में धूल झोंककर फर्जी अंक सूची, फर्जी जाति प्रमाण पत्र सहित फर्जी प्रस्ताव बनवाकर सरकारी नौकरी कर रही है, यह मामला 19 साल पहले शिक्षाकर्मी वर्ग 3 से वर्ग दो बनी महिला शिक्षिका का है जिसके द्वारा हिंदी साहित्य सम्मेलन नामक संस्था इलाहाबाद की फर्जी अंकसूची लगाकर आज दिनांक तक सरकारी खजाने को चूना लगा कर मजे से लाभ लिया जा रहा है यहां हम बात कर रहे हैं वर्तमान में विकासखंड सोनहत के पूर्व माध्यमिक शाला कैलाशपुर की प्रधानपाठिका श्रीमती रेशमा पांडे की जिनकी प्रथम नियुक्ति 30/09/1998 को मध्य प्रदेश शिक्षाकर्मी भर्ती तथा सेवा भर्ती नियम 1997 के वर्णित दिशा एवं निर्देशों के अनुसार हुई थी यहां तक तो सब ठीक था लेकिन लगभग 8 साल बाद शिक्षिका ने अपना दिमाग चलाते हुए हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद नामक संस्था फर्जी संस्था फर्जी हम इसलिए कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में अभी तक इस संस्था का कोई भी पंजीकरण नहीं है और गूगल से मिली जानकारी के अनुसार इस संस्था को सिर्फ हिंदी भाषा का प्रचार प्रचार करने का अधिकार था नाटक ना कि स्नातक की उपाधि देने का की अंक सूची बनवाकर इनके द्वारा शिक्षाकर्मी वर्ग 2 में पदोन्नति का लाभ दिनांक 30.7.2006 को ले लिया गया और आज दिनांक तक प्रधानपाठिका बनकर शान से सेवा दे रही है लेकिन प्रशासन की नजर इन पर आज तक नहीं पड़ी ताज्जुब की बात है कि कैसे तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने बिना उक्त अंक सूची की जांच किए, बिना उसके सत्यापित हुए उक्त अंक सूची के आधार पर शिक्षिका को पदोन्नति दे दी जाहिर सी बात है इसमें मोटी रकम खर्च हुई होगी और शिक्षा कर्मी वर्ग 2 बन गई और आज प्रधानपाठिका बनी बैठी है अब देखना है कि प्रशासन ये मामला सामने आने के बाद कोई कार्यवाही करता है अथवा इसी तरह मुकदर्शक बना रहता है और अपने सरकारी खजाने से ऐसे भ्रष्ट लोगों को लाभ देता रहता है हमें ये सारी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत शिक्षा विभाग से ही प्राप्त हुई है। अब देखना है शिक्षा विभाग अपने ही कागजों को झूठलाता है अथवा कोई कड़ी कार्यवाही कर ऐसे भ्रष्ट लोगों को कड़ा संदेश देता है।

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जितेन गुप्ता ने कहा कि अभी तक हमारे पास मामला नहीं आया है हमारे पास लिखित में शिकायत आने दीजिए हम इस पर जांच कर उचित और बैधानिक कार्रवाई जरूर करेंगे।

बरहाल सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज दिनांक तक आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हो पाई,क्या अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगते है कार्रवाई करने में या फिर बड़े स्तर के नेताओं का आशीर्वाद है मैडम प्रधानपाठिका के सर पर।