फर्जी समूह बनाकर पूर्व वनपाल सतीश तिवारी ने निकाले 75 हजार रूपए

फर्जी समूह बनाकर पूर्व वनपाल सतीश तिवारी ने निकाले 75 हजार रूपए

अंबिकापुर. 10 वर्ष पूर्व फर्जी समूह बनाकर पूर्व वनपाल सतीश तिवारी ने निकाले 75 हजार रूपए, लगाएं सभी महिलाओं का फर्जी हस्ताक्षर व अंगूठे का निशान,महिलाओं को इसकी भनक तक नहीं।

आपको बता दूं कि सरगुजा जिले के लखनपुर में आए दिन वन विभाग से कुछ ना कुछ मामला सुनने को आ रहा है, इस बीच 28/8/2014 को स्वीकृति कर स्वयं सहायता समूह अस्थाई रोपणी कुंवरपुर वनपरिक्षेत्र लखनपुर के द्वारा नर्सरी कुंवरपुर में पूर्व प्रभार रहे वनपाल सतीश तिवारी जो अभी वर्तमान में रिटायर्ड है के द्वारा उस समय गांव के उपसरपंच रहे पंचम से लिखित लिखवाकर हस्ताक्षर करवा लिया वहीं उपसरपंच रहे पंचम के द्वारा बताया गया कि तिवारी के द्वारा भगवती समूह का नाम बाद में नीचे दर्शाया गया है, तथा सभी लोगों का हस्ताक्षर फर्जी तरीके से किया गया है, वही महिलाओं के बताएनुसार दस्तावेज सबमिट कर 75,000 रुपए सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया से निकाल लिए, जिसका ब्याज अभी वर्तमान में बहुत ज्यादा हो गया है।वही इस समूह में 10 लोगों को अपने मन मुताबिक जोड़कर लिखकर समूह बना दिया था,और महिलाओं के द्वारा पूछने पर बताया गया कि इस तरह की मेरा हस्ताक्षर नहीं है, और जो महिलाएं हस्ताक्षर करते हैं उनके जगह में अंगूठे का निशान और जो महिलाएं अंगूठे का निशान करते हैं उनके जगह में हस्ताक्षर दर्शा दिया गया है, और अंगूठे के निशान में महिलाओं से मोटा अंगूठे का निशान है, जिस कारण से महिलाओं का अंगूठे का निशान मैच नहीं कर रहा है,इसको देखते हुए इसमें यह लगता है की सरासर गलत तरीके से फर्जी समूह बनाया गया है, और उनके जातियों का नाम भी गलत दर्शा दिया गया है,

और इस समूह को वंरक्षकों के द्वारा नोटिस पहुंचाने के लिए कई दिनों से तलाश कर रहे थे, गांव के सभी लोगों से पता किए लेकिन इस समूह से कोई सदस्य नहीं होने के कारण किसी को इसकी पता तक नहीं,और इससे पहले न ही वन विभाग को इसके बारे में पता था।

वही फर्जी भगवती समूह बनाया गया है जिसमे 10 लोगों को दर्शाया गया है तथा फर्जी समूह में जिनका नाम है उनको छोड़कर।

गांव के ही दो महिलाएं (1) कोशिल्या पति किशुन जाति कंवर (2) करमकुंवर पति जगत जाति कंवर दोनो ने बताया की हमको पूर्व वनपाल रहे सतीश तिवारी ने दस वर्ष पूर्व 2014–15 में हम दोनो को बोले की नर्सरी में काम किए है उसका पेमेंट करना है चलो बैंक पैसा निकाल देना बोले इस तरह बरगलाकर बोले वही बैंक से तुरंत आ जायेंगे बोला, इसके बाद सेंट्रल बैंक ले जाकर पैसा मिलने के तुरंत उपरांत वही पास खड़ा था और पैसा को पकड़ लिया हम लोगों को दिखाया तक नहीं,न कुछ ही दिया,

वन परीक्षेत्र सहायक लखनपुर रीझन राम के द्वारा बताया गया कि 2015 में नर्सरी तैयारी के लिए ऋण लिया गया था जिसकी वसूली के लिए हम यहां बैठक किए हैं जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि रीड किसके द्वारा निकाला गया है जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी