आखिर क्यों हाथी प्रभावित ग्रामीण मुआवजा के लिए 1वर्ष से वन विभाग कार्यालय का लगा रहे चक्कर
अंबिकापुर. सरगुजा जिले के लखनपुर वन परीक्षेत्र के सुदूर वनांचल हाथी प्रभावित ग्राम पटकुरा के आदिवासी जनजाति का ग्रामीण मुआवजा पाने पिछले एक वर्ष से वन विभाग कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा आश्वासन के बाद भी आज तक ग्रामीण को मुआवजा से नहीं मिल सका। मिली जानकारी के मुताबिक हाथी प्रभावित क्षेत्र ग्राम पटकुरा निवासी सोन साय मझवार के घर को जुलाई माह 2023 में हाथियों द्वारा तोड़ दिया गया था। सूचना पर वन विभाग मौके पर पहुंचा और मुआवजा प्रकरण तैयार किया गया। परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी ग्रामीण को मुआवजा नहीं मिल सका मुआवजा पाने ग्रामीण वन विभाग कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। जब ग्रामीण लखनपुर वन विभाग कार्यालय पहुंचा और मुआवजा को लेकर वन परीक्षेत्राधिकार मेरी लिली लकड़ा से मिलकर आवेदन दिया वन परीक्षेत्राधिकार के द्वारा जल्द ही मुआवजा दिलाया जाने का आश्वासन दिया गया था। लगातार ग्रामीण कार्यालय का चक्कर लगा रहा है ना तो अधिकारी फोन उठा रहे हैं और ना ही कार्यालय में उनसे मुलाकात हो पा रही है। आखिर कब तक आदिवासी ग्रामीण को मुआवजा पाने कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा यह तो देखने वाली बात होगी। गौरतलब है कि लखनपुर वनपरीक्षेत्र अधिकारी मेरी लिली लकड़ा आए दिन कार्यालय में नदारत रहती है। यही नहीं वन परीअधिकारी लखनपुर में निवास में न करके जिला मुख्यालय अंबिकापुर में निवास करती हैं।वन विभाग कार्यालय में आने वाले लोगों से मुलाकात नहीं होने तथा फोन से संपर्क करने पर उनके द्वारा फोन भी रिसीव नहीं किया जाता है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है।
लखनपुर वन परीक्षेत्र अधिकारी मेरी लिली लकड़ा
हाथी प्रवाहित ग्रामीण के मुआवजे के संबंध में उनसे बात करना चाहा तो रेंजर कार्यालय से नदारत मिली और फोन लगाने पर उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। इसलिए उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।